“
लगी प्यास तुम्हारे दर्शन कि मुज़े,
हमारी ही आंखों में दीदार निक़ला.
अनामिका छू ते ही झनकार आई,
बदन आपका सच में सितार निक़ला.
कदम थाम लेंगे ये, चलते अग़र हम,
यहाँ हर तरफ़ नेक तक़रार निक़ला.
ग़या ढुंढ़ने पर, मिला न मुज़े कोई,
मिला मैं भी मुज़से, तो मैं ज़ार निक़ला.
सोजीत्रा प्रकाश
- कृष्ण प्रियतम लफ्ज़
”