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खामोश इन...

खामोश इन नज़रों को तू पढ़ ना सका, इंतजार के इन लम्हों को समझ न सका, अपना हर एक लम्हा कर दिया तेरे नाम, तू ज़िन्दगी का एक पल हमें दे ना सका। मिली साहा

By मिली साहा
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