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ख़ामोशी के...

ख़ामोशी के कफ़स में है जिंदगी मेरी जहां न खुशियों का शोर है न गम की कोई नुमाइश, सफ़र तो कट जाएगा किसी तरह पर अब न कोई आरजू रही न जिंदगी से कोई फरमाइश। मिली साहा

By मिली साहा
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