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कब तक बच...

कब तक बच सकेगा दिल ये भी एक पश्न है जग के इस रेले में दिल रहा हमेशा अकेले में सुलग-सुलग बुझता रहा अपने मुस्तक़बिल से जूझता रहा कब तक बच सकेगा दिल ये भी एक पश्न है

By Sushant Kushwaha
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