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" जिस...

" जिस प्रकार बालक कच-आलू की चटपटी चाट खाते हुए आँखों में आँसू डालते हुए और सी-सी शब्द करते हुए उसे नहीं छोड़ते। उसी प्रकार संसारी जीव संसार के विषय दु:खों को झेलते हुए भी उन्हीं में खुश होते हैं और उससे बचने की चिन्ता नहीं करते।"

By Neeraj pal
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