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जिस भक्ति...

जिस भक्ति या प्रार्थना में ईश्वर के प्रति श्रद्धा, समर्पण, विश्वास, और दु:ख के समय दर्द के आंसू ना हो वह सच्ची प्रार्थना या भक्ति नहीं अपितु इच्छापूर्ति हेतु मात्र आग्रह है जो कभी भी स्वीकार नहीं होगी | 🙏शालिनी राय✍

By Shalini Rai 'INSPIRATION'
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