STORYMIRROR

जिन्दगी के...

जिन्दगी के रास्ते हमने सिर्फ सोचा था लेकिन चलते आए आज तक किसी और राह पे । मंजिल की बस तलाश थी रास्तों से फरक नही पड रहा था ।क्योंकि साथ हम सब्र जो लेकर चल रहे थे । - bhayodisha

By Bhagyashree Subedar
 25


More hindi quote from Bhagyashree Subedar