जीवन का...

जीवन का कैसा ये विराम है ! इतनी सस्ती ... ये सांसे क्यों ? रिश्तों के बहते आसुं , लगते हैं मंहगे क्यों ? कफन की , वो सफेद चादर .... सस्ती क्यों ?

By varsha Gujrati
 34


More hindi quote from varsha Gujrati
0 Likes   0 Comments