“
हुनर है नायाब, चेहरा देखकर, इंसान की कुंडली निकाल देते हैं हम,
छुपाने की कोशिश ना करना कुछ उड़ती चिड़िया पहचान लेते हैं हम,
कोशिश तो बहुत की थी ये बात छुपाने की, पर शायद तुम्हें पता नहीं,
होठों पर दबी मुस्कुराहट को भी, पल भर में, आंखों में पढ़ लेते हैं हम।
मिली साहा
”