STORYMIRROR

हफ़्तों से...

हफ़्तों से पिंजड़ों में बंद कैदियों को जब ज़मानत पर बाहर निकल खुली हवा छू आने का अवसर दिया गया, तो उनकी अधीरता साफ़ शब्दों में कैद जीवन की दास्तां बयां करने में समर्थ थीं.... ~अल्फ़ाज़_ए_आनंद

By Anand Prakash Jain
 42


More hindi quote from Anand Prakash Jain
20 Likes   0 Comments
28 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments