STORYMIRROR

एक सच्चा...

एक सच्चा मित्र राधेय कर्ण था मैत्री को निभाते निभाते अपनों का गैर हो गया अनुजों का बैर हो गया मित्रता के नाम जीवन कर गया कुर्बान । एक भावुक मित्र कृष्ण था द्वारकाधीश होकर मित्रता के वास्ते दरिद्र मित्र को सिंहासन में बसा गया । मित्रता के नाम कर गया राज ऐश्वर्य कुर्बान ।

By Mahendra Kumar Pradhan
 487


More hindi quote from Mahendra Kumar Pradhan
17 Likes   0 Comments