“
धर्म पूछकर नहीं होती यारी,
रंग रूप देखकर नहीं होती यारी,
दुनिया की भीड़ में कुछ लोग ऐसे मिलते हैं,
जिनकी बातें लगती है प्यारी,
शायद मन से जुड़ जाते हैं भावनाओं के कुछ तार,
इसी तार से दिल दोस्ती का बंधन करता है स्वीकार,
जीवन के सफर में भी कुछ लोग ऐसे मिल जाते हैं,
लाखों करोड़ों की भीड़ में जाने क्यों वही अपने से लगते हैं।।
मिली साहा
”