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चाँद की...

चाँद की गोलाइ में अपनी प्रेयसी का चंद्रमुखी चेहरा ढूंढ रहा था ,तभी उषा आयी और बोली अपनी हैसियत का कुछ तो ख्याल कर उसकी याद में तुमने खुद को भुला दिया और उसको तो याद भी नहीं उसने कितनो को भुला दिया । चल मेरे साथ एक नई शुरुआत कर, हर कहानी दुखांत नही होती।

By Ramashankar Roy
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