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बुनकर थी...

बुनकर थी सांसे बनाती रहती लिबास नये जिन्हें पहनकर जिंदगी कभी मुस्कराती कभी गुनगुनाती कभी बस रूहानी हो जाती !! ... ✍️ सीमा 'सदा'

By seema singhal
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