बंदिशें ...

बंदिशें हैं बहुत इश्क़ में पर इनसे पार पाना पड़ेगा हम नहीं आएंगे छुप छुप के तुम्हे ही आना पड़ेगा, तुम जो चाहो कि उठ जाए आज हमारे रुख़ से नक़ाब तो तुम्हे चांदनी रात में हमारी छत पे आना पड़ेगा।

By Ravi Prakash VCRCian
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