“
बिगड़ रहा था जीवन तेजी से हमारा
हम दोषी थे, हमने था इसे नकारा
तभी हमारे बीच एक पुण्य आत्मा आयी
जिसने हम सब में नैतिकता व अहिंसा की अलख थी जगायी
हम सब के जीवन में आजादी की ये दीप जलायी
हम सब को एक नयी पहचान है दिलायी
..... हमारे प्यारे बापू को शत् शत् नमन
”