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भिक्षु हूँ...
भिक्षु हूँ...
भिक्षु हूँ...
“
भिक्षु हूँ मुनिबुद्ध का
न मुझ में, न विचारों में
न तृष्णा का वास, न मोह का स्पर्श
न सौंदर्य का खिंचाव, न काया का लोलुपता
बस स्वभाव में नम्रता और हृदय में करुणा भरी हैं ।
-© Shekhar Kharadi
”
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