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बचपन से आज...

बचपन से आज तक क़ायम है चाँद से मेरा रिश्ता पुकारता हूँ आज भी मैं उसे चंदा 'मामा' क्योंकि छिपाये ही नहीं चाँद ने कभी हर रिश्ते की तरह अपने दाग़ अर्जुन साहु

By Arjun Sahu
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