STORYMIRROR

बात कड़वी...

बात कड़वी है मगर सच्ची है उधार दीजिए मगर सोच समझकर, अपने ही पैसे भिखारी बनकर मांगने पड़ते हैं, और अगला सेठ बनकर तारीख पर तारीख ही रहता है।

By Keshav Bansal 7thG 17
 302


More hindi quote from Keshav Bansal 7thG 17
0 Likes   0 Comments
6 Likes   0 Comments
66 Likes   0 Comments
24 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments