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और आज मे...

और आज मे गुमनाम होना चाहता हु, अब हर अपना कहने वाले को गैर कहना चाहता हु, की बहुत सह लिया, मेरे दिल ने भी काश मिल जाये किसी अजनबी का कंधा, टूट गया है मेरे सब्र का बांध भी आज में बेइंतहा रोना चाहता हु।। ~ serena

By Prachi Gaur
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