“
#अश्क
इन अश्को का क्या कहना,
नैनो से जो बह गया,
अंतस निर्मल कर गया,
दिल मे प्यार भर गया,
मौन हुई कुछ वाणी मेरी,
पर अश्क सब कुछ कह गया,
दिल से दिल की बात हुई,
रूह से रूह का नाता बन गया,
आज रहता प्रियतम संग संग,
अश्क कमाल कर गया,
जिसको खोजा गली गली,
नाता उससे जुड़ गया।।
अरुणिमा बहादुर खरे
”