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*अपनों के...

*अपनों के लिए.* *चिंता हृदय में होती है.* *शब्दों में नहीं!* *और अपनों के लिए.* *गुस्सा शब्दों में होता है* *हृदय में नहीं!* *बस यही है अटूट प्रेम की परिभाषा है* 🌹 *सुप्रभात* 🌹

By Rakesh Bishnoi
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