“
आजीवन
मैं *आजीवन* तुमसे मांग भरवाऊंगी
तुम्हारे लिए ही सिंगार करवाउंगी।
तुम आकर हर फर्ज निभा जाना,
मैं भी अपना पत्नी धर्म निभाऊंगी।
भावना से भरा हर वक्त मुझे पाओगे
तेरी सन्तान की मां जब बन जाऊँगी।
तुमसे होंगे जब तक मेरा संसार चलेगा
खुद को मैं सौभाग्य से भरा पाऊँगी।
दृढ़ विश्वास हैं "नीतू" को खुद पर
तेरे साथ ही मिट्टी में मिल जाऊंगी।
नीतू राठौर नीतू
”