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इंसान जितना...

इंसान जितना अपने मन को मना सके उतना खुश रह सकता है।" "ख़ुशी के लिए बाहर नहीं, अपने अंदर झांकना पड़ेगा।" "प्रसन्नता वो पुरस्कार है जो हमे हमारी समझ के अनुरूप सबसे सही जीवन जीने पे मिलता है।" "ख़ुशी एक सफर है, ना की मंजिल !"

By Priyanka Dash
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