कुछ नया, हर दिन करने की है चाह मुकम्मल हर ख्वाब करने की है ये राह। हर लम्हे को कैद करने का इरादा है मेरा ताकि बरसों बाद देखूँ तो दिल करे कि वाह।
Written & Narrated by Prerna Kumari