Ayush Kaushik
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कुछ टोना सा हुआ है जुबान पे मेरी, जितनी बार ये चलती है कोई छूट जाता है मुझसे।

अब सिर्फ फरिश्ते ही मुझसे मिला करते है, जब से मुलाकात उस, रूह तक देखने वाली से हुई है।

हर बार गलती देख दूसरे की बहुत खुश होता हूँ, भूल जाता हूँ कि मैं भी किसी को हस्ता छुड़ आया हूँ पीछे।

आज बहुत दिनों बाद फिर से एक नई आस मिली है, फिर से कोई बात मिली है। आज बहुत दिनों बाद आँख खुली है, फिर से जीने की बात हुई है। दिन आज उदास न था फिर वही सब आज न था। आज कुछ हुआ है , आज फिर से कोशिश की है मैने।


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