Dishita Shukla
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दोस्त हो तुम मेरी, मेरी सखी मेरी साथी, हमेशा सबकी मदद करके, फ़र्ज़ अपना निभाती है

दुनिया अजीब होती है जहाँ सारी भावना होती है कही दुश्मनी तो कही प्यार लेकिन सब होते है एक समान


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