Karan Singh
Literary Captain
7
Posts
39
Followers
0
Following

I'm Karan and I love to read StoryMirror contents.

Share with friends
Earned badges
See all

टूटे दिल का आसमा, सिला तो भी ना जुड़ा।

बड़ा ही किफायती इश्क़ था हमारा, कर्जे वफ़ा भी मिली, ब्याज -ऐ दर्द भी न मिला, फिर भी रुखसत -ऐ मिट्टी हो गए हम, और सकूं का उन्हें इल्म भी न मिला।

खाली आसमा भरी आंखों में था। छलकी तो बह गया।

भिखरे पन्नों पर लिखे धूंधले काले पुराने शब्दों की स्याही आज भी उंगलियों पर नजर आती है। जब मुरझाई हुई उंगलियां माथे को सहलाती है।

इश्क गुल्क्क टूटी तो जाना, नोट बेवफा निकले , वफ़ा तो सिक्के निभा रहे थे ।


Feed

Library

Write

Notification
Profile