बेतुकी बातों का फायदा क्या हैं जहां रिश्ता ही न हो वहा सराहना देने की जरूरत ही क्या हैं
जिस दिन सादगी श्रृंगार हो जाएगी,
उस दिन आईने की हार हो जाएगी..।
- शालिनी तिवारी
जीना मुहाल कर रखा है
मेरी इन आंखों ने
खुली हो तो तलाश तेरी
बंद हो तो ख्वाब तेरे
- शालिनी तिवारी