Surekha Awasthi
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स्त्री पीड़ा मर्म और प्रेम

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तू जो आया एकदम से सवेरा कर गया मेरी बुझी वीरान जिंदगी को बसेरा कर गया पहले तो खुद के नसीब पे यकीन ना कर सकी पर जब तूने छूकर आलिंगन मे भरा मुझे तब मेरे प्यार पे यकीन गहरा कर गया

सुबह का ये पहला पैगाम मेरी जान के नाम हो जाये सारी मुश्किलें दूर हर सौभाग्य और आरोग्यता हो आपके नाम खबर मिले ये मुझको तुम हो बिल्कुल स्वस्थ और झूम उठु ये सुनकर हो जाऊ मै मस्त तुम्हारी जिंदगी से बँधी है मेरे जीवन की हर डोर हो तुमसे शुरू मेरे जीवन की हर भोर सुप्रभात 🌹


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