Sudha Adesh
Literary Brigadier
AUTHOR OF THE YEAR 2019 - NOMINEE

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समाज में व्याप्त कुरीतियों पर कलम चलाने की कोशिश की है ।

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अगर आपको आपकी आलोचना उद्देलित कर देती है इसका तात्पर्य यह तो नहीं आपको स्वयं पर विश्वास नहीं है । सुधा आदेश

जब कोई किसी की बात को समझ न पाये या अपनी बात समझा न पाए तब मौन धारण कर लेना ही श्रेयस्कर है । सुधा आदेश

रिश्ते माटी के पुतले, नेह की बूंदों से खिले, क्रोध की अग्नि में झुलसे ।

कहते हैं लोग पैसों का कोई महत्व नहीं उनके लिए, हमने तो पैसों के लिए ही रिश्तों को बिगड़ते, टूटते देखा है । सुधा आदेश

खुली आंखें, खुला मस्तिष्क न भटक इधर उधर, निज को निज में तलाश बंदे मिलेगी जमीन यहीं मिलेगा आकाश यहीं । सुधा आदेश

नफरत किसी से क्यों और किसलिए, याद करो कुछ अच्छे पलों को नफ़रत स्वयं दूर हो जाएगी । नफरत आग का दरिया है स्वयं भी डूबोगे, दूसरों को भी ले डूबोगे । सुधा आदेश

रिश्ते संसार सागर में हिचकोले खाती कश्ती, जो कश्ती की पतवार को साध ले गया वह जिंदगी जी गया, वरना अकेला रह गया । सुधा आदेश

खूबसूरत चेहरा औऱ कड़वे बोल, बदसूरत चेहरा औऱ मीठे बोल... समय की तारीखों में चेहरा बदल जायेगा, पर उसके बोल उसकी पहचान बन दिल पर सदा अंकित रहेंगे । सुधा आदेश

खूबसूरत चेहरा औऱ कड़वे बोल, बदसूरत चेहरा औऱ मीठे बोल... समय की तारीखों में चेहरा बदल जायेगा, पर उसके बोल उसकी पहचान बन दिल पर सदा अंकित रहेंगे । सुधा आदेश


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