लोगो ने रुलाने मे कोई कसर ना छोरा
हमने मुश्कुराने का हुनर ना छोड़ा
पैसा सब कुछ नहीं
तो पैसा के बिना भी कुछ नहीं
मोहब्बत को लफ़्ज़ों की जरूरत नहीं . वो तो
आँखों से ही बयां हो जाती है
लोगो से कहते सुना की ज़माना बदल गया.
मैंने तो ज़माने को नहीं लोगो को बदलते देखा हैं
मेरा दिल है . कोई आइना नहीं जिसने देखा
जिसने देखा उसे अपना अक्स मिले
वो दौर कुछ और था. ज़ब प्यार रूह से होती थी
अब तो प्यार जिस्म और चेहरे से होता है
सतरंज की चाल रिश्तो मे ना चले मैंने राजा को रंक
और रंक को राजा होते होए देखा हैं
कठपुतली सी हैं ज़िन्दगी मेरी
कोई जज्बात से तो कोई प्यार से नचाता हैं
जिस तरफ धागे टूट के फिर जुड़ने पर गाँठ परते हैं
भरोसा टूटने पर भी रिश्तो मे गाँठ बनते हैं