Kumar Pranesh
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Banker by profession and Kavi by Heart

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कि..... सोच सोच कर, लाया उन्हें ख्यालों में, और वो ख्यालों में आ कर कहें , कि आप सोचते बहुत हो!

सबने घुटन भेजा है मेरे सीने के लिए, तुम कुछ सांसें हीं उधार दे दो न, जीने के लिए!!

पलकें बोझल, लक्ष्य ओझल, नैन तुम्हारा रस्ता देखे, तुम जो अगर आ जाते तो, इक लॉग इन मेरा हो जाता! ©कुमार प्राणेश (17/12/19) #Maha Login Day Special

मरहम अब जख्म को और सताता है, एक चाय है कि हमें आज तक सम्भाल रखा है! © ✍️ कुमार प्राणेश @ World Tea Day

कोशिशें हमने भी बेहिसाब की पढ़ने की, पर अक्षर अक्षर में तेरा अक्स नज़र आया है! © ✍️कुमार प्राणेश

न तुम आते हो और न हीं तुम्हारी याद, लगता है टारगेट ने तुम्हें भी उलझा रक्खा है! ✍️ कुमार प्राणेश

रोज टूटता है, रोज जुड़ता है बेबस बेचारा, दुनिया का सबसे बड़ा बाजार दिल का हीं तो है! @कुमार प्राणेश

सारा दोष तुम्हारा नहीं है, कुछ गलतियां हमने भी की है तुम्हें पहचानने में! © कुमार प्राणेश

मुद्दतों के गम हो जाते है यूं गुम, जब हो एक कप चाय और सामने तुम! ☕☕☕☕☕☕☕☕☕💞 कुमार प्राणेश


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