खुद को खोजती हूँ, अपनी कलम से अपने विचार रखती हूँ ✍️✍️
Share with friends"वो है भोला भड़ारी करता नंदी की सवारी, गले में है सर्पो की माला, वो पीता हैं विष का प्याला. मेरा भोला डमरू वाला, मेरा भोला हैं निराला.. उसकी अदा बहुत हैं मोहक, वो हैं दुनिया का रक्षक "..