करना रोज़ाना आयत ख़ुदा की ,
भले ना हो हमारी रिवायत,
सुनना हमारी हर आवाज़ मन की,
ये है उनकी हम सभी पर इनायत।
BHARATMATA KA CHAND KO SANDESH..
ए चाँद, तू ना कर ख़ुद पर,
इतना ग़ुरूर।
मेरे बच्चों का भी कहाँ ,
कम है फ़ितूर।
नाकामयाबी कहाँ है ,
उन्हें मंज़ूर ।
मिशन को तो पूरा ये,
करेंगे ज़रूर।
-Janhavi Mistry