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अगर मैं अरमान की आरज़ू हूं, तो तुम आरज़ू के अरमान हो अगर मैं अरमान की आरज़ू हूं, तो तुम आरज़ू के अरमान हो
धीरे धीरे करके शिवांशी पूरी ठीक हो गई वो एकदम नॉर्मल इंसान जैसी हो गई धीरे धीरे करके शिवांशी पूरी ठीक हो गई वो एकदम नॉर्मल इंसान जैसी हो गई
सिद्धांत, कल भूमि को ब्यूरो ले। आना, समझे ? सिद्धांत, कल भूमि को ब्यूरो ले। आना, समझे ?
आप भी हमें तुम बुला सकती हो, अगर दोस्त मानती हो तो। आप भी हमें तुम बुला सकती हो, अगर दोस्त मानती हो तो।
चेहरे पे प्यारी सी मुस्कान आती है। तब तब आरुषि की उसे याद आती है। चेहरे पे प्यारी सी मुस्कान आती है। तब तब आरुषि की उसे याद आती है।