दौर नफरतों का चल रहा है
चारों तरफ
ओर लोग कहते हैं मुझे मोहब्बत हो गई
वो जो कहते हैं
हम तुम्हारी खामोशी पढ़ लेते हैं
अक्सर वही लफ्जों का गलत
अर्थ ढूंढ लेते हैं
जिंदगी के सारे दुखों का सामना
वो हंसते हुए कर लेती हैं
वो मेरी मां हैं जो हर वक्त
ममता की छांव तले हमारे सपनों को
उड़ान देती हैं
औरत वो हस्ती हैं जो
अपनी भावनाओं की बलि देकर
अपनों की भावनाओं का मान करती है
औरत वो हस्ती हैं जो
अपनी भावनाओं की बलि देकर
अपनों की भावनाओं का मान करती है
अगर ना मिले जिंदगी में साथी कोई
तो दोस्ती किताबों से कर लो
एक तरफ जहां प्रेम और इज्जत की मांग की जाती है
वही दूसरी ओर प्रेम और इज्जत के नाम पर मार दिया जाता है
जैसा खाओ अन्न ,वैसा हो जाये मन
रिश्ते पैसों के नहीं
भावनाओं के मोहताज होते है