Pratyush Goswami
Literary Captain
17
Posts
13
Followers
1
Following

न मैं लेखक ✍️हु, न लिखना 📝मेरा काम, यू तो बस दिल की अतलंगिया, उंगलियो से निकल कर, पन्नो पे उत्तर आती है...📖

Share with friends
Earned badges
See all

तेरी आंखे, तेरी सांसे, और तेरा प्यार, मेरी चाय, मेरे यार और कड़क संचार...! #SirPratyushGoswami

खुश मैं होता हु, पर ना जाने क्यों अच्छा तुम्हे लगता हैं...!

We leave everything for later like ′′ after ′′ is ours. Because what we don't understand is that: Afterwards, the coffee gets cold... afterwards, priorities change... Afterwards, the charm is broken... afterwards, health passes... Afterwards, the kids grow up... Afterwards parents get old... Afterwards, promises are forgotten... afterwards, the day becomes the night... afterwards life ends...

पुरानी बातें, पुरानी यादें, अक्सर दिल को दुखाती है, शोर दिल करता है, आवाज़ आंखे बताती है...! : प्रत्युष गोस्वामी

कल रात तेरी यादों का पैगाम आया, आज बहुत रोया के आराम आया...! : प्रत्युष गोस्वामी

अगर स्त्री एक राग है, तो वही स्त्री एक आग भी है...!

हाँ ये सत्य है, की महिलाओं को हर वक्त अग्नि परीक्षा देनी होती है, क्या माता पार्वती ने नही दिया..!

जन्म लिया था, बेज़ुबान था मैं, जैसे जैसे बड़ा होता गया, शक्ल तेरी, हुनर तेरा ओर ज़बान भी तेरी ही मिली...! प्रत्युष गोस्वामी...

कई दिनों से, मुझे फिर से तेरी याद आने लगी, तेरी बाते, तेरी यादेँ, मुझे फिर से सताने लगी।।। न चाहते हुए भी, ये दिल फिर से खोया, आज फिर से तेरी याद में, मेरा दिल रोया.. "कई दिनों से : प्रत्युष गोस्वामी"


Feed

Library

Write

Notification
Profile