@dipak-tarachand-bisen

Dipak Bisen
Literary Colonel
5
Posts
1
Followers
0
Following

I'm Dipak and I love to read StoryMirror contents.

Share with friends

मुझे आज तक समज नही आया की मेरे पिताजी गंदे कपडे से कैसे गाड़ी साफ कर लेते है।

कभी अगर सरकारी बैंक में काम जल्दी हो जाये तो सक होता है की मैं सही बैंक में तो आया हूँ या भिर आज भगवान मुझपे बहुत ज्यादा मेहरबान हैं।

कॉरपोरेट जिंदगी कहा आसान है बॉस की गालियो से सब परेशान है एक दिन वही गाली याद आती है चेहरे पे मुस्कुराहट छा जाती है क्योंकि वही फटकार हमें गाली देने के काबिल बनती है।


Feed

Library

Write

Notification
Profile