मुझे आज तक समज नही आया की
मेरे पिताजी गंदे कपडे से कैसे गाड़ी साफ कर लेते है।
कभी अगर सरकारी बैंक में काम जल्दी हो जाये
तो सक होता है की मैं सही बैंक में तो आया हूँ
या भिर आज भगवान मुझपे बहुत ज्यादा मेहरबान हैं।
कॉरपोरेट जिंदगी कहा आसान है
बॉस की गालियो से सब परेशान है
एक दिन वही गाली याद आती है
चेहरे पे मुस्कुराहट छा जाती है
क्योंकि वही फटकार हमें
गाली देने के काबिल बनती है।