@akhilesh-ghritlahare

AKHILESH GHRITLAHARE
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नारी ममता की मूरत है क्योंकि शिक्षा ,संस्कार ,परिवार, सब कुछ की जिम्मेदारी लेती है

सुबह सी मुस्कान और शाम सी मजबूती नारी में ही होती है

साथ साथ सब काज बने एकला बना न कोय ,मन बैरी हरवाय दिया जीत सके न कोय

छोड़े हुए को छोड़ने में क्या मजा जबकि उसे निपटने में उससे ज्यादा मजा है


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