आजकल की भागमभाग जिंदगी में बे हताशा भागता- हांफता रचनाकार इसी पीड़ा किसी कचोट की अनुभूतियों से ऐसी उद्वेलित होता है कि कभी उसकी आंखों से आंसू झड़ने लगते हैं और कभी वह कलम उठाने के लिए बाध्य होता है.. यही मेरी लिखने की एक प्रक्रिया.. बहुत सारी पत्र-पत्रिकाओं में.. अनेक अनेक कहानियां एवं... Read more
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