I'm स्वराक्षी swrakshi and I love to read StoryMirror contents.
Share with friends*पगली हूं मैं* हां, मैं पगली ही तो हूँ जो बार-बार ठोकर खा कर भी नहीं संभलती.... गिरती हूँ... अपनों के हाथ थाम! खाती हूं चोटें........ विश्वास,वफ़ा,रिस्तेदारी से, फिर भी, उन चोटों पर मुस्कान की मलहम लगा संस्कार की दुहाई देती खुद को तैयार करती हूँ पुनः चोट खाने को क्योंकि *पगली ही तो हूं मैं......* *स्वराक्षी स्वरा*.....✍️
मैं अपने मन की चिड़ियां को निष्प्राण नहीं होने दूंगी मैं नारी हूँ तो नारी का अपमान नहीं होने दूंगी ।।स्वराक्षी स्वरा