ડેઇઝી.લીલાણી
Share with friendsपुरुषार्थी के पुरुषार्थ के आगे तो भाग्य भी विवश होकर फल देने के लिए बाध्य हो जाता है। प्रत्येक बड़ा आदमी कभी एक रोता हुआ बच्चा था। प्रत्येक भव्य इमारत सफ़ेद पेपर पर कभी मात्र एक कल्पना थी। यह मायने नहीं रखता कि आज आप कहाँ हैं ? महत्वपूर्ण ये है कि कल आप कहाँ होना चाहते हैं ?
ગુરુજી સૂર ઉત્તમ તાલ બાલભૂલકા ને બાજ કળા. ફરિયાદ સર્વની, દુનિયા ની અવાજ બનવું. હોડી જહાજ રૂપ, કાચ્ચી ઇંટોથી તાજ બનવું. - ડેઈઝી અનિલ લીલાણી
कभी भी कामयाबी को दिमाग़ में और नाकामयाबी को दिल में जगह न देना । क्योंकि कामयाबी दिमाग़ में घमंड और नाकामयाबी दिल में मायूसी पैदा करती है !
જીભ જેવું જીવન હોવું જોઈએ,ખુશી માં વિનમ્ર ને મુશ્કેલીમાં તલવાર ની ધાર જેમ સત્ય રહે. - ડેઈઝી અનિલ લીલાણી
🎁🎁💝🎁🎁💝🎁 *दुनियां मैं औरतों को देने वाले उपहार में सबसे बेहतर उपहार है, उनका सम्मान करना।"* 🎁🎁💝🎁🎁💝🎁 💝🎁🎁💝🎁