Rashmi Sinha
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आधी जिंदगी दूसरों को खुश करने में निकली अब बचीं जिंदगी अपने को खुश करने में लगायें।

शब्दों का चोट नासुर ‌घाव है जो कि हर पल रिसता रहता है, जिसका दर्द जीवन पर्यन्त तकलीफ़ देता है।

बोली में शब्द और भाव बहुत मायने रखता है क्योंकि बोली ही तो है जो जीव मात्र को पास या दूर करता है

इज्जत हमारी भी होती, यदि हम दिखावा करना सीख लेते।

किसी के दिल में इतना प्रेम होता है कि लोग उसे पत्थर मारते है और वो उसके स्वाभिमान की रक्षा करते रह जाता है। रश्मि सिन्हा


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