क्षमता इस बात पर निर्भर नहीं करती कि मैं क्या-क्या कर सकता हूँ बल्कि क्षमता तो इस बात पर निर्भर करती है कि अब मुझे जो करना है क्या मैं वो कर सकता हूँ ?
मैं जो करना चाहता हूँ मैं उसे कर सकता हूँ ये मेरा साहस है पर मैं जो कर रहा हूँ मुझे वही करना चाहिए ये मेरा तज़ुर्बा है।