लिखती हूँ क्योंकि जीती हूँ, जीती हूँ क्योंकि मैं लिखती हूँ। लिखना जीवन है, जीवन लिखना है😊
Share with friendsसोचूँ न सोचूँ में तुमको दिल में तुम होते हो, सामने कोई हो न हो निगाहों में तुम होते हो, कहती है सारी दुनिया सुबह कान्हा के नाम लो, वो क्या जाने कान्हा की मूरत में तुम होते हो। ©सखी
जबसे देखा तुमको मैं तुम्हारी हो गई, यूँ लगा दिल को इश्क़ बीमारी हो गई, दिखने लगे तुम सबको मेरी आँखों में, तेरे चारों तरफ दुनिया हमारी हो गई। ©सखी
मन के पैर नहीं होते, तभी वो चल नहीं पाता, मन के पंख तो होते हैं, मगर कट जाते हैं, कोई कहे मन की कोई बात पूरी नहीं होती, कैसे हो मन के पास कहने को जुबां नहीं होती। @सखी
धोखा ही देना था गर हमें तो कह देते, हम पलकें बिछा देते। तुमसे मुहब्बत इतनी अधिक है कि खंजर भी बस कांटे सा चुभता। ©सखी
चापलूसी एक ऐसा रोग है जो जिसे लगता है सब बर्बाद कर देता है, इसलिए न चाप्लूसी कीजिये न ही पसन्द कीजिये। तारीफ करने वाले बहुत मिलेंगे, मगर परवाह करने वाला लाखों में एक होता है। कोई ऐसा मिले तो सम्भाल कर रखिये प्यार परवाह और वक़्त देकर.. क्यों कि ये खोया तो यकीन कीजिये ऐसा कोई न मिलेगा जो आपको दिल से चाहे। ©सखी
मेरी आँखें तेज हो गई हैं तुम्हारे शब्दों का ऑपरेशन कर देती हैं, सुनो! ये तुम्हारे शब्दों में आजकल तुम्हारी बेपरवाही ढूंढ लेती हैं। ©सखी