kavi manoj kumar yadav
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manoj

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हमें आज साकी पिला तू नया कुछ। भरें जख्म दिल के दे ऐसी दवा कुछ। मनोज यादव

अगर झूठ होंगे तो खुल जाएंगे सब। न इल्जाम ऐसे तू हम पर लगा कुछ। मनोज यादव

अभी सांस बाकी है पर मर चुके हैं। हमें आज ऐसी मिली है सजा कुछ। मनोज यादव

इश्क से चल आज हम दिल का दिया रौशन करें। हो मुहब्बत से भरा वो रास्ता रौशन करें।


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