चलो जाने दो, जियो और जीने दो का सार देखें, और खुद पर ध्यान देते हैं। उन्हे नहीं सुधार सकते तो क्या, हम खुद अच्छे रिश्तेदार बन लेते हैं
कभी ज्ञान पर घमंड था कभी पैसों पर रोब जमाया करता था वह ऐसा भी वक्त था जिंदगी में जब मैं खूब कमाया करता था
कभी ज्ञान पर घमंड था कभी पैसों पर रोब जमाया करता था वह ऐसा भी वक्त था जिंदगी में जब मैं खूब कमाया करता था
मैंने भूखे को खाना नहीं खिलाया जरुरतमंद को खाली हाथ लौटाया है कई लोगों की बद्दुआ ले चुका हूं आज यही समझ में आया है