मिली साहा
Literary General
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"कविता" माध्यम है भावनाओं, विचारों को व्यक्त करने का मन के गहरे सागर में उठ रहे तूफ़ान को शांत करने का भारत के सबसे बड़े मंच "story mirror" से मैंने अपनी लेखन यात्रा की शुरुआत की। साल 2020 से प्रारम्भ हुई मेरी ये यात्रा आज भी जारी है और इसका एक बहुत बड़ा श्रेय "story mirror" को जाता है। लेखन के... Read more

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छोटी-छोटी खुशियांँ ही जीने का सहारा बनती हैं वरना ख्वाहिशों का क्या है वो तो हर लम्हा बदलती रहती है।। MiliSaha

छोटी-छोटी खुशियांँ ही जीने का सहारा बनती हैं वरना ख्वाहिशों का क्या है वो तो हर लम्हा बदलती रहती है।। MiliSaha

ओझल न हो जाना अपनों से, पैसों में होकर मगरूर, पैसा सबकुछ खरीद नहीं सकता, सोचना यह ज़रूर। मिली साहा

हर बार खुद को साबित करने की, जहांँ करनी पड़े जद्दोजहद, वहांँ प्यार नहीं विश्वास नहीं, दिखावे की मिठास होती है महज़, स्वयं का सम्मान करना सीखोगे तभी औरों से सम्मान मिलेगा, मृत्यु सम ही वो जीवन, जहांँ पड़े जीना आत्मसम्मान को तज। मिली साहा

हर बार खुद को साबित करने की, जहांँ करनी पड़े जद्दोजहद, वहांँ प्यार नहीं विश्वास नहीं, दिखावे की मिठास होती है महज़, स्वयं का सम्मान करना सीखोगे तभी औरों से सम्मान मिलेगा, मृत्यु सम ही वो जीवन, जहांँ पड़े जीना आत्मसम्मान को तज। मिली साहा

बेटा बेटी में समानता की बातें तो बहुत करता है सामान किंतु कहीं ना कहीं आज भी फ़र्क तो किया ही जाता है।। मिली साहा

बेटा बेटी में समानता की बातें तो बहुत करता है सामान किंतु कहीं ना कहीं आज भी फ़र्क तो किया ही जाता है।। मिली साहा

कोई भी इंसान परिपूर्ण नहीं होता इसलिए औरों में दोष निकालने से पहले स्वयं के अंदर ज़रूर झांँक लेना चाहिए।। मिली साहा

ऐसी दया न रखना मन में, जिसमें केवल दिखावा हो, दया हृदय का सुंदर भाव, इन्सानियत का न इसमें सौदा हो।। मिली साहा


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